Breaking News

डॉक्टर नरेश त्रेहान - फिलहाल संक्रमण से बचने के दो ही उपाय हैं, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग

इंडिया टुडे ग्रुप हेल्थगिरी अवॉर्ड्स कार्यक्रम में मेदांता के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहान ने शिरकत की। मेदांता के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहान ने मास्क से लेकर वैक्सीन तक कई बातों पर अपनी राय रखी। कोरोना की वैक्सीन को लेकर डॉक्टर त्रेहान ने कहा कि इस बात पर अभी निश्चित तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता कि कोरोना वायरस की वैक्सीन कब तक आएगी। इसे आने में कम से कम 4 से 6 महीने का समय लग सकता है। 


मास्क है सबसे जरूरी


डॉक्टर नरेश त्रेहान ने कहा कि फिलहाल संक्रमण से बचने के दो ही उपाय हैं, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग। डॉक्टर त्रेहान ने एक स्टडी का जिक्र करते हुए कहा कि मास्क ना पहनने और तीन फीट से कम की दूरी रखने वाले लोगों में संक्रमण ज्यादा पाया गया है. उन्होंने लोगों से लापरवाही ना करने की अपील करते हुए सभी से इन दोनों बातों का खास ध्यान रखने को कहा। 



फोटो साभार 


सही तरीके से पहनें मास्क


डॉक्टर नरेश त्रेहान ने कहा कि ज्यादातर लोग नाक के नीचे मास्क पहनते हैं या बोलते समय मास्क हटा देते हैं। इस तरीके से मास्क पहनने का कोई फायदा नहीं है। मास्क हटा कर बोलने से ड्रॉपलेट्स सामने वाले को संक्रमित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सही तरीके से मास्क लगाकर आप खुद को, दूसरों को और अपने परिवार को इस संक्रमण से बचा सकते हैं. डॉक्टर नरेश त्रेहान ने लोगों को जागरूक करने के लिए मीडिया की भी तारीफ की। 


युवा ना करें लापरवाही


डॉक्टर नरेश त्रेहान ने कहा कि ज्यादातर युवाओं को इस बात की गलतफहमी है कि वो जल्द ठीक हो जाएंगे। ये महामारी किसी को नहीं छोड़ रही है। उन्होंने कहा कि मैने कई ऐसे केस देखे हैं जिसमें पूरी तरह से स्वस्थ व्यक्ति को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। उन्होंने कहा कि अगर आप इस बीमारी से ठीक भी हो जाते हैं तो इसके आफ्टर इफेक्ट कई महीनों तक रहेंगे और किसी-किसी में तो ये उम्र भर के लिए रह सकता है। 


क्या कोरोना का पीक पीरियड खत्म हो चुका है?


ये पूछे जाने पर कि क्या कोरोना का पीक पीरियड खत्म हो चुका है, डॉक्टर त्रेहान ने कहा कि इस वायरस का पैटर्न किसी को पता नहीं है। पहले दिल्ली वालों को लगा कि संक्रमण घट रहा है लेकिन इसक मामले एकदम से बढ़ने लगे। अब एक बार फिर से लग रहा है कि मामला पीक से थोड़ा कम है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में तुरंत बेड ना मिलने पर लोगों को थोड़ा धैर्य रखने की भी जरूरत है। 






 

कोई टिप्पणी नहीं