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बंद होंगी पैसेंजर ट्रेने ,बढ़ेंगी गरीब मुसाफिरों की मुश्किलें

घाटे के नाम पर कम दूरी की 70 पैसेंजर ट्रेनें बंद करेगा रेलवे
गरीब-मजदूर तबके के उन मुसाफिरों के लिए मुश्किल बढ़ जाएगी

रेलवे कम दूरी की 70 पैसेंजर ट्रेनों को बंद करने जा रहा है। यह संख्या और ज्यादा भी हो सकती है। इसके अलावा कम दूरी की पैसेंजर ट्रेनों को मेल-एक्सप्रेस ट्रेन बनाकर इसका किराया भी बढाने की तैयारी कर ली गयी है। अर्थात लॉकडाउन के दौरान बंद हुईं इन ट्रेनों को अब दुबारा पटरी पर नहीं चलाया जाएगा। यह सब घाटा कम करने के नाम पर हो रहा है, हालांकि इससे गरीब-मजदूर तबके के उन मुसाफिरों के लिए मुश्किल बढ़ जाएगी, जो काम या किसी और सिलसिले में इन ट्रेनों में कम पैसे में सफर किया करते थे।


लॉकडाउन के दौरान बंद हुई ट्रेनों को नए रूप में पटरी पर लाने के लिए रेलवे ने 'जीरो बेस्ड टाइम टेबल' बनाने का काम किया है। रेलवे ने ट्रेनों में बड़े बदलाव की तैयारी मार्च के आखिरी सप्ताह में लॉकडाउन लगने के साथ ही शुरू कर दी थी। रेलवे बोर्ड के कोचिंग डायरेक्टरेट अब तक 756 ट्रेनों में बदलाव के 56 आदेश जारी कर चुके हैं। इनमें 214 ट्रेनों को कुछ स्टेशनों के बीच रद्द किया गया तो 70 ट्रेनों को अब पटरी पर नहीं लाया जाएगा।



रेलवे ने 161 ट्रेनों के मार्ग परिवर्तित कर दिए हैं। 50 ट्रेनों के टर्मिनल स्टेशनों में बदलाव किया गया है। 145 ट्रेनों के फेरों, टाइम, एक से दूसरी ट्रेन का लिंक हटाया गया है। 68 ट्रेनों का दूसरे स्टेशनों व रूट पर विस्तार किया गया है। दरअसल, 12 नई ट्रेनें चलाई जाएंगी, जिनमें अधिकतर पैसेंजर ट्रेन होंगी।


20 ट्रेनों की स्पीड में बढ़ोतरी कर उन्हें 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई जाएगी। देश की राजधानी दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश के छोटे व बड़े शहरों को जोड़ने वाली कम दूरी की 121 पैसेंजर ट्रेनों को उत्तर रेलवे ने बंद करने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा है। उत्तर रेलवे के मुताबिक इसके अलावा 16 मेल व एक्सप्रेस ट्रेनें भी बंद की जा सकती हैं।




 


 


 


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