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लॉकडाउन में सरकार की तरफ से हुई गलती जिन्हे रोका जा सकता था ......

1. लॉकडाउन का सही इस्तेमाल नहीं हुआ, टेस्टिंग पर फोकस नहीं


कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन तो लगा दिया, लेकिन उसका सही इस्तेमाल नहीं हो सका। चीन ने तो वुहान में बाद में 10 दिन का लॉकडाउन इसीलिए लगाया, ताकि वहां की सारी आबादी की टेस्टिंग कर सके। इसके उलट भारत में ऐसा नहीं हुआ। टेस्ट सिर्फ उन्हीं का हुआ, जो खुद से टेस्ट कराने गए या संदिग्ध थे।


2. पता नहीं था प्रवासी मजदूर सड़कों पर निकल जाएंगे 


मोदी सरकार ने 25 मार्च से देश में टोटल लॉकडाउन लगा दिया। उससे तीन दिन पहले से ही ट्रेनें भी बंद कर दी थीं। लॉकडाउन में सब कुछ बंद हो गया, तो मजदूरों की कमाई भी बंद हो गई। जब देश में 21 दिन के लिए लॉकडाउन लगा, तो उसके बाद देश के कई हिस्सों से प्रवासी मजदूर अपने राज्य लौटने लगे। इसका नतीजा ये हुआ कि लॉकडाउन लगने के 5 दिन बाद ही 29-30 मार्च को दिल्ली के आनंद विहार बस टर्मिनल में 15 हजार मजदूर इकट्ठे हो गए।



3. श्रमिक स्पेशल ट्रेनें निकालीं, कोरोना के मामले बढ़े


एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक 1 मई से मोदी सरकार ने प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें शुरू कीं। इसका नतीजा ये हुआ कि कई राज्यों में कोरोना के मामले अचानक बढ़ गए।  गोवा 19 अप्रैल को कोविड फ्री घोषित हो गया था। लेकिन, जब ट्रेनें चलनी शुरू हुईं, तो गोवा में मामले बढ़ गए। वहां के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने भी कहा था कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से आने वाले मजदूरों की वजह से राज्य में कोरोना के मामले फिर बढ़ गए। 


4. केस बढ़ रहे थे, शराब की दुकानें खोल दीं


देश में जब लॉकडाउन-3 लागू हुआ, तो उसके साथ पहले से ज्यादा रियायतें भी मिलने लगीं। सरकार ने लॉकडाउन-3 में शराब की दुकानें खोलने की इजाजत दे दी। नतीजा ये हुआ कि देशभर में शराब की दुकानों पर भीड़ जमा होने लगी। बढ़ती भीड़ को देखते हुए दिल्ली सरकार ने तो शराब की कीमत ही 70% बढ़ा दी। जबकि, महाराष्ट्र में शराब की होम डिलीवरी होने लगी।


6 तरीके, जिनसे कोरोना को कंट्रोल कर सकते हैंः




  1. हाई-रिस्क जोन में वार्ड लेवल तक टेस्टिंग।

  2. कोरोना से निपटने में केंद्र राज्यों की मदद करे।

  3. छोटे शहरों और गांवों तक टेस्टिंग लैब बने।

  4. एंटीजन टेस्टिंग भी बढ़ाई जाए, ताकि पता चले कि कोई पहले कोरोना से संक्रमित तो नहीं था।

  5. प्राइवेट लैब्स में कोरोना टेस्ट की कीमत को कम किया जाए, ताकि सब टेस्ट करा सकें।

  6. पब्लिक प्लेस में मास्क पहनना जरूरी और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने पर सख्ती हो।



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