क्या भ्रष्ट्राचार की बलि चढ़ गयी महिला PCS अधिकारी -आखिर कौन है जिम्मेदार ?????
महिला PCS अधिकारी मणि मंजरी राय की आत्महत्या के बाद गांव के लोग बेहद आहत हैं और प्रशासनिक भ्रष्टाचार से खफा भी।
बलिया में पीसीएस अधिकारी मणि मंजरी राय की आत्महत्या के बाद से उनका परिवार शोकाकुल है। वहीं मनियर के चेयरमैन भीम गुप्ता का भी नाम चर्चा में है कि अधिशासी अधिकारी मंजरी राय पर चेयरमैन होने के नाते कुछ कामों को लेकर ये दबाव बना रहे थे।
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अपने गांव यूपी के गाजीपुर जिले के गांव कनुआन से निकलकर बीएचयू में पढ़ने वाली पहली लड़की थीं, बल्कि वह अपने गांव की पहली महिला पीसीएस चयनित हुईं थीं। मंजरी के पिता जय ठाकुर राय बलिया में ही ग्रामीण बैंक में मैनेजर पद पर कार्यरत थे। वह दो साल पहले ही सेवानिवृत्त हुए थे। वह दो भाइयों की इकलौती बहन थीं। उनके बड़े भाई का नाम अवनीश और छोटे का नाम विजय है। अभी पीसीएस अधिकारी मंजरी की शादी नहीं हुई थी।
मंजरी राय दो साल पहले ही पीसीएस की नौकरी में आईं थीं। वह इन दिनों पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिला बलिया के मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी थीं, जबकि मनियर के नगर पंचायत चेयरमैन भाजपा नेता भीम गुप्ता हैं।मंजरी के सुसाइड में नोट में लिखी ये बात, 'मुझे रणनीति बनाकर फंसाया जा रहा है', की उंगली मनियर के चेयरमैन भीम गुप्ता की ओर उठ रही है। मनियर से जनज्वार को मिली जानकारी के अनुसार मनियर अधिशासी अधिकारी बनकर आने के बाद से ही मंजरी भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टोलेरेंस रखती थीं। ऐसे में जब बात नहीं बनी तो उनके ड्राइवर पर दबाव बनाया गया, जिसे लेकर उन्होंने ड्राइवर को डांटा भी था।
मंजरी आखिर किस रणनीति के तहत फंसाए जाने की बात अपने सुसाइड नोट में लिख रहींं थीं। वहीं परिजन मंजरी के अंतिम क्रिया से खाली होकर उस दोषी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर जांच को आगे जरूर बढ़वाएंगे जिसके कारण कनुआन गांव की पीसीएस बेटी मंजरी राय ने आत्महत्या की है।'
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