Lockdown -की सख्ती ने ली मरीज की जान......
कानपुर -शुक्लागंज निवासी दमा अटैक से बेहोश हुए मरीज को गंगा पुल से पुलिस ने नहीं लाने दिया। जबकि परिवार वाले अस्पताल ले जाने की विनती करते रहे। पुलिस वालो ने उनकी समस्या नहीं सुनी और इलाज न मिलने की वजह से बीमार की मौत हो गयी। कोरोना गाइडलाइन के तहत अंतिम संस्कार करा दिया गया।
सीताराम कॉलोनी शुक्लागंज निवासी 42 वर्षीय गोविंद टीबी के मरीज थे। कई वर्षों से दमा भी साथ में था। उनके भतीजे हिमांशु का कहना है कि बुधवार की सुबह चाचा को अटैक पड़ गया, मगर इस बार पानी छिड़कने के बाद होश नहीं आया। बाइक पर लादकर उन्हें उर्सला लाने लगे तो पुलिस ने गंगा पुल पर रोक दिया और जाने नहीं दिया। बैरियर पर मौजूद पुलिसकर्मियों से विनती की मगर उन्होंने दरोगा से मिलने थाने भेज दिया। वहां हाथ जोड़ा पैर भी पकड़ लिया, मगर दरोगा नहीं माने। नतीजे में मरहला पुल होते हुए जैसे-तैसे उर्सला पहुंचे। लगभग 25 किलोमीटर चलने के बाद उर्सला पहुंचे तो वहां के डॉक्टरों ने इमरजेंसी में छुआ तक नहीं। हैलट रेफर कर दिया। हैलट पहुंचे तो उनका शरीर पूरी तरह अकड़ चुका था। हैलट में फाइल नहीं देखी गई। सिर्फ पूछा कि क्या हुआ है। बताया दमा था। फौरन कोविड आईसीयू में भर्ती करा दिया।
फोटो साभार
गुरुवार को दोपहर एक बजे उनके मरने की खबर दी गई और कहा गया कि शव नहीं दिया जाएगा। सरकारी कर्मचारियों ने विद्युत शवदाह गृह में शव का अंतिम संस्कार कोराना गाइडलाइन का पालन करते हुए करवा दिया।
कोरोना के दो और संदिग्ग्ध रोगियों की मौत -मरने वालों में एक 52 वर्षीय अज्ञात और दूसरी जूही लाल कॉलोनी निवासी एक 62 वर्षीय महिला हैं। दोनों का कोरोना जांच सैम्पल लिया गया है।
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