लॉकडाउन की इस स्थिति में चाणक्य की इन बातों पर करें गौर ............
चाण्यक ने धर्म से लेकर नीति और राजनीति से लेकर समाज की बेहतरी के लिए उन्होंने कई मंत्र दिए। कुशल नेतृत्व का ज्ञान तो उन्होंने दिया ही है, इसके अलावा विपरीत परिस्थितियों में व्यक्ति को किस तरह का व्यवहार करना चाहिए इसकी जानकारी भी वो दे चुके हैं।
खुद को संकट की इस घड़ी में मजबूत बनाएं इन बातो का ध्यान रखे -------
किसी को न बताएं अपनी योजना
जीवन में सफलता हासिल करने के लिए लक्ष्य निर्धारित होना जरुरी है। मगर ध्यान रहे आप अपनी योजनाओं के बारे में दूसरे लोगों से चर्चा न करें। वो आपके कार्य में बढ़ा उत्पन्न कर सकते हैं।
आप लॉकडाउन में मिले इस समय का इस्तेमाल करके आगे की योजना बनाएं और उसके अमल में लाने की प्लानिंग करें। मगर बातों बातों में इसका जिक्र दूसरे लोगों के सामने करने से बचें।
हमेशा दुखी रहने वाले लोगों से रहें दूर
दुनिया में बहुत से ऐसे लोग हैं जो किसी न किसी बात को लेकर दुखी रहते हैं। उनके पास भगवान का दिया बहुत कुछ है मगर वो फिर भी विलाप करना नहीं छोड़ते हैं।
अगर आपकी संगत में ऐसे लोग हैं जो फोन या मैसेज करके हमेशा दुःख ही प्रकट करते हैं तो इनसे दूरी बनाना आपके लिए ठीक रहेगा। ऐसे लोगों के साथ रहकर कुछ भला नहीं होता है बल्कि ये सिर्फ नकारात्मकता फैलाने का काम करते हैं।
ऐसे लोगों पर नहीं होती लक्ष्मी की कृपा
घर से बाहर निकलने की मनाही है, इस वजह से लोग अपनी साफ़ सफाई पर ध्यान नहीं देते हैं। चाणक्य के मुताबिक जो व्यक्ति साफ़ कपड़े नहीं पहनता है, दांत साफ़ नहीं करता है, जो बहुत खाता है, कड़वे और कठोर शब्द बोलता है, जो सूर्योदय के बाद उठता है ऐसे इंसान पर लक्ष्मी की कृपा नहीं बरसती है।
बीते कल की नहीं, आने वाले कल की चिंता
चाणक्य के मुताबिक हमें गुजरे पल को लेकर पछतावा नहीं करना चाहिए, वो अब हमारे हाथ में नहीं है। अगर जाने अनजाने में कोई गलत काम हो गया है तो उसकी चिंता को छोड़कर भविष्य को बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए।
लॉकडाउन लगने से पहले के कामों को लेकर चिंतित न हों बल्कि अपने वर्तमान को जिएं और आने वाले समय की तैयारी करें।
बुरे समय के लिए रखें धन, मगर
चाणक्य ने अपने समय में ही ये बात कह दी थी कि व्यक्ति को अपने बुरे वक्त के लिए धन बचाकर रखना चाहिए। मगर साथ ही उन्होंने अपनी स्त्री की रक्षा की बात को भी स्वीकारा था।
उनके मुताबिक व्यक्ति को अपनी स्त्री की रक्षा हर हाल में करनी चाहिए, चाहे इसके लिए बचत के पैसों को भी खर्च क्यों न करना पड़ जाए।
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