निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज का कोरोना कनेक्शन सामने आने के बाद हड़कंप मचा है
- मरकज से 1,548 लोगों को निकाला गया-सीएम
- अभी 1107 लोगों को क्वारनटीन किया गया है
- कुछ लक्षण मिलने के बाद 441 का हो रहा टेस्ट
- भीड़ जुटाने के लिए जिम्मेदार लोगों पर एक्शन
नई दिल्ली- दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित बंगले वाली मस्जिद की कहानियों की परतें जैसे-जैसे खुल रही हैं, कई नई जानकारियां सामने आ रही हैं। पता चल रहा है कि मार्च महीने में यहां के तबलीगी जमात के हेडक्वार्टर में आयोजित धार्मिक बैठकों में करीब 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा लगभग उतने ही देशों के नागरिकों ने भी शिरकत की थी। गंभीर बात ये भी बताई जा रही है कि कई विदेशी नागरिकों ने इस धार्मिक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए वीजा नियमों को ताक पर रख दिया। आइए अभी तक जो लिस्ट सामने आई है, उसमें देखते हैं कि दिल्ली की यह घटना कितने राज्यों को अपनी चपेट में ले रही है।
करीब 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लोग शामिल हुए
दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के हेडक्वार्टर में इस महीने की शुरुआत से हुए मरकज में शामिल 1830 लोगों की एक लिस्ट सामने आई है, जिनमें से पौने तीन सौ के विदेशी नागरिक बताए जा रहे हैं और बाकी 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लोग हैं। इस लिस्ट के मुताबिक अंडमान से 21, असम से 216, बिहार से 86, हरियाणा से 22, हिमाचल प्रदेश से 15, तेलंगाना से 55, कर्नाटक से 45, केरल से 15, महाराष्ट्र से 109, मेघालय से 5, मध्य प्रदेश से 107, ओडिशा से 15, पंजाब से 9, राजस्थान से 19, झारखंड से 46, तमिलनाडु से सबसे ज्यादा 501, उत्तराखंड से 34, उत्तर प्रदेश से 156, पश्चिम बंगाल से 73 लोग इस धार्मिक मरकज में शामिल हुए थे।
करीब 20 देशों के नागरिक पहुंचे थे
अब तक जिन 18 देशों के नागरिकों के इस कार्यक्रम में पहुंचने की जानकारी मिल रही है, उसके मुताबिक मलेशिया से 20, अफगानिस्तान से 1, म्यामार से 33, इंडोनेशिया से 72, अल्जीरिया से 1, जिबोती से 1, किर्गिस्तान से 28, थाईलैंड से 71, श्रीलंका से 34, बांग्लादेश से 19, सिंगापुर से 1, फिजी से 4, फ्रांस से 1, कुवैत से 2, इंग्लैंड से 3, फिलीपींस से 10, नेपाल से 19 और सऊदी अरब के नागरिक शामिल बताए जा रहे हैं। आरोप ये भी लग रहे हैं कि इन विदेशी नागरिकों में से 281 ने टूरिस्ट वीजा पर आकर धार्मिक आयोजन में शामिल होकर वीजा नियमों का उल्लंघन किया है। इस मरकज को लेकर सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि इसने कोरोना संक्रमण के बावजूद कानूनों को ताक पर रखकर पूरे महीने भीड़ इकट्ठा की, जिसके चलते हजारों लोगों के संक्रमित होने की आशंका बढ़ गई है।
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