इस साल का अंतिम और तीसरा सूर्य ग्रहण.....
26 दिसंबर 2019 में लगने वाला ये साल का अंतिम और तीसरा सूर्य ग्रहण होगा जो एशिया, अफ्रिका और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। इससे पहले 2 जुलाई को पूर्ण सूर्य ग्रहण लगा था।ये साल का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा।
इस साल लगने वाला सूर्य ग्रहण खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा। जिसे वैज्ञानिक भाषा में वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है। खास बात ये है कि इस ग्रहण को भारत में भी देखा जा सकेगा। ग्रहण के समय सूर्य एक आग की अंगूठी के आकार का दिखाई देगा। जिसे रिंग ऑफ फायर कहा जाता है। इस Annular Solar Eclipse के समय चंद्रमा सूर्य के बीच के हिस्से को पूरी तरह से ढक देता है।
26 दिसंबर 2019 में लगने वाला ये साल का अंतिम और तीसरा सूर्य ग्रहण होगा जो एशिया, अफ्रिका और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। दिसंबर में लगने जा रहा वलयाकार ग्रहण सऊदी अरब, भारत, एशिया के दक्षिण-पूर्व भागों में देखने को मिलेगा। इसके अलावा इसका आंशिक रूप एशिया के अन्य भागों और ऑस्ट्रेलिया में देखा जायेगा।
26 दिसंबर को लगने जा रहा सूर्य ग्रहण, भूकंप और भारी बर्फबारी के दे रहा संकेत
इस ग्रहण के समय चंद्रमा सीधे तौर पर पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जायेगा। पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी होने के कारण ये पूरी तरह से सूर्य को नहीं ढक सकेगा। ध्यान रखें कि सूर्य ग्रहण को नंगी आखों से नहीं देखना चाहिए। क्योंकि इससे निकलने वाली किरणें आपकी आखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। ग्रहण को देखने के लिए स्पेशल तरह के चश्मों की जरूरत पड़ती है।
सूर्य ग्रहण का समय: सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को सुबह 8 बजकर 17 मिनट से आरंभ हो जायेगा जिसका परमग्रास 9 बजकर 31 मिनट पर होगा और इसका अंत 10 बजकर 57 मिनट पर। सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 2 घंटे 40 मिनट और 60 सेकंड की है।
सूतक काल का समय: सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतककाल शुरु हो जाता है। हिंदू धर्म में इस काल में किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते। मंदिरों के कपाट भी सूतक काल लगते ही बंद कर दिये जाते हैं। खास तौर पर सूतक काल में गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुढ़े लोगों को अपना खास ध्यान रखना होता है। 26 दिसंबर को लगने जा रहे सूर्य ग्रहण का सूतक 25 दिसंबर को शाम 5 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगा जोकि दूसरे दिन सुबह ग्रहण समाप्ति के साथ सुबह 10 बजकर 57 मिनट तक रहेगा।
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