सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसले में कहा विवादित जमीन रामलला को दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले की खास बातें
अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से शिया वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन को रामलला विराजमान को देने का फैसला किया। अयोध्या में रामजन्मभूमि न्यास को विवादित जमीन दी गई है। साथ ही कोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को दूसरे स्थान पर 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया। सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता में 5 जजों की संविधान पीठ ने 40 दिनों की मैराथन सुनवाई के बाद 16 अक्टूबर को अयोध्या मामले में अपना फैसला सुरक्षित कर लिया गया था।.अयोध्या में रामजन्मभूमि न्यास को विवादित जमीन दी गई है।
फैसले से निराश सुन्नी वक्फ बोर्ड के जफरयाब जिलानी
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 2.77 एकड़ की विवादित जमीन पर अपना एतिहासिक फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी खासे निराश हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बड़ी बातें
- विवादित जमीन राम न्यास को देने का आदेश।
- मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में किसी अन्य जगह मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन दी जाएगी।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार 3 महीने के भीतर एक स्कीम बनाकर एक ट्रस्ट का गठन करेगी जो मंदिर बनवायेगा।
- कोर्ट ने शिया वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज कर दी. चीफ जस्टिस ने कहा कि मीर बाकी ने बाबर के वक्त बाबरी मस्जिद बनवाई थी. 1949 में दो मूर्तियां रखी गईं।
- मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनाई गई थी. ASI की रिपोर्ट को खारिज नहीं किया जा सकता. खुदाई में इस्लामिक ढांचे के सबूत नहीं मिले।
- कोर्ट ने कहा कि हिंदुओं की ये आस्था कि श्रीराम का जन्म अयोध्या में हुआ है, इस पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता।
- 18वीं सदी तक नमाज पढ़े जाने के सबूत नहीं हैं. सीता रसोई की भी पूजा अंग्रेजों के आने से पहले हिंदू करते थे।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्मोही अखाड़े का सूट मेनटेबल नहीं है. यह 'सेवियत' राइट के खिलाफ है. उन्हें शेबेट के अधिकार प्राप्त नहीं हैं।
- सुन्नी वक्फ बोर्ड विवादित क्षेत्र पर अपना मालिकाना हक और प्रतिकूल कब्जा साबित करने में नाकाम रहा है।
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