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जस्टिस बोबडे ने देश के 47 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली

दिल्ली-उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े ने आज देश के प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली। उन्होंने जस्टिस रंजन गोगोई का स्थान लिया जस्टिस गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो गए हैं।जस्टिस बोबड़े को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति भवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। 



यह समारोह राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित हुआ।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें शपथ दिलाई।इस मौके पर उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कैबिनेट मंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।शपथ लेने के बाद जस्टिस बोबड़े ने अपनी मां का आशीर्वाद लिया 63 साल के जस्टिस बोबड़े का कार्यकाल करीब 17 महीने का होगा और वह 23 अप्रैल, 2021 को सेवानिवृत्त होंगे। हाल ही में आए अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद फैसले की सुनवाई करने वाली बेंच में जस्टिस बोबडे भी शामिल थे। 


कहा जा रहा है कि जस्टिस बोबडे ने कई ऐतिहासिक फैसलों में अहम भूमिका निभाई है।उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति या उनके नाम को खारिज करने संबंधी कलीजियम के फैसलों का खुलासा करने के मामले में वह पारंपरिक दृष्टिकोण अपनाएंगे।नामित मुख्य न्यायाधीश बोबडे ने एक साक्षात्कार में कहा कि लोगों की प्रतिष्ठा को केवल नागरिकों की जानने की इच्छा पूरी करने के लिए बलिदान नहीं किया जा सकता।


जस्टिस बोबडे का जन्म

 

जस्टिस बोबडे का जन्म 24 अप्रैल 1956 को नागपुर में हुआ। उनके पिता अरविंद श्रीनिवास बोबडे मशहूर वकील थे।उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से कला एवं कानून में स्नातक की उपाधि हासिल की। 1978 में महाराष्ट्र बार परिषद में उन्होंने बतौर अधिवक्ता अपना पंजीकरण कराया।21 साल तक नागपुर पीठ में 21 साल तक सेवाएं दी।1998 में न्यायमूर्ति बोबडे वरिष्ठ अधिवक्ता बने।जस्टिस बोबडे ने मार्च, 2000 में बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज के रूप में शपथ ली। 16 अक्तूबर 2012 को वह मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने। 12 अप्रैल 2013 को उनकी पदोन्नति सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में हुई।

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