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अंबेडकर महासभा ने की संविधान दिवस के उपलक्ष्य पर की विचार गोष्ठी

उरई। अंबेडकर महासभा के तत्वाधान में संविधान दिवस के उपलक्ष्य पर विचार गोष्ठी का आयोजन मैत्री बुद्व विहार बघौरा उरई में किया गया जिसमें संविधान में वर्णित विभिन्न पहलुओं पर वक्ताओं ने प्रकाश डाला गया। संविधान की मूल्य को बनाए रखने के लिए शपथ ली।



गोष्ठी का शुभारंभ बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया व वुद्व वंदना रामबिहारी बौद्ध की विचार गोष्ठी में विचार रखते हुए पूर्व जीआईसी प्रवक्ता रामभरोसे कुशवाहा ने कहा भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है जो 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में पूर्ण किया एवं 26 नवंबर 1949 को डॉ भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता वाली प्रारूप समिति ने संविधान सभा के अध्यक्ष डा.राजेंद्र प्रसाद को सौंपा अर्थात भारत की जनता ने भारत के प्रभुत्व संपन्न लोकतांत्रिक गणराज्य का संविधान 26 नवंबर 1949 को स्वीकार किया, इसी की स्मृति में संविधान दिवस मनाया जाता है भारतीय संविधान की विशेषताओं का वर्णन करना हर भारतीय के लिए गौरवान्वित करने वाली बात है, कठिन परिस्थितियों में कई देशों के संविधान को पढऩे के बाद भारतीय संविधान की रचना की गई जिस में सर्वाधिक योगदान बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का माना गया क्योंकि भारत में चली आ रही हजारों सालों से सामाजिक, आर्थिक, न्याय, शोषण की विषमताओ को खत्म करने एवं समानता का अधिकार दिलाने के उनके प्रयास प्रमुख भूमिका में रहे इसी कारण बाबा साहब को संविधान निर्माता भी कहा गया।


यमुना प्रसाद बौद्ध व जिला कोषाध्यक्ष दया कुमार जाटव ने कहा भारतीय संविधान में अपने नागरिकों को पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान की गई शिक्षा, समानता, श्रम अधिकार, निंद्रा का अधिकार आदि पूर्ण रूप से लागू किया गया किंतु वर्तमान समय में कुछ सरकारें इसे पसंद नहीं करती हैं, उनका मानना है कि शोषित समाज के लोगों को मौलिक अधिकार मिलना गलत है।


गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे महासभा जिलाध्यक्ष पंकज सहाय व बाबू रामाधीन ने कहा भारतीय संविधान को आजादी के ७० वर्ष बाद भी भारतीय नागरिक जानने व समझने में कमजोर पाए गए आज संविधान को प्रत्येक नागरिकों को जानना चाहिए जिससे संविधान की मूल भावना के जैसा भारत का निर्माण हो सके। गोष्ठी का संचालन जिला उपाध्यक्ष नरेंद्र प्रताप सिंह ने किया बैठक में प्रमुख रूप से धीरेन्द्र सिंह गुलाब पाल, रामशरण गौतम, तेजसिंह, अनिल वर्मा, कालका प्रसाद, अमन सिंह, नौसाद आलम, विजय आलम, यशवंत रत्न राम सिंह चौधरी, देवेश वर्मा, धमेन्द्र कुमार, सत्याशील आदि रहें।


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