पत्नी पीड़ित पतियों ने किया जंतर मंतर पर प्रदर्शन ,पुरुष आयोग की मांग
>मायके वालो की वेवजह दखलंदाजी से टूटते है घर ,ये बंद होना चाहिए।
>ज्यादातर केस फर्जी होते है ,जिनकी नहीं हो पाती भरपाई।
>इस तरह के बढ़ते मुकदमे है चिंताजनक।
बुधवार को देशभर से आए हजारों की संख्या में पीड़ित पतियों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार से मांग की है कि पीड़ित पुरुषों के लिए भी एक पुरुष आयोग बनाया जाए। पत्नी को परेशान करने पर पुलिस, महिला आयोग, कोर्ट समेत तमाम एजेंसियां मौजूद हैं, लेकिन पति को परेशान करने व उनको झूठे केसों में फंसाने पर कोई पुरुष आयोग नहीं है।
फोटो :साभार अमर उजाला
इस प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हुईं जिन्होंने पुरुष आयोग बनाए जाने की मांग का समर्थन किया। प्रदर्शन में आई डॉक्टर इंदु सुभाष ने कहा कि वो लखनऊ से आई है. उनका कहा है कि पुरुष की मां-बहन-भाभी क्या महिला नहीं हैं? हम उन महिलाओं के हक में आवाज उठाने आए हैं। पुरुष आयोग की मांग का समर्थन करने बीजेपी सांसद हरिनारायण राजभर भी जंतर मंतर पहुंचे।
अधिकतर का मानना है की पुरुष अपनी समस्या को लेकर कहा जाये। जबकि पत्नियों के पास तमाम एजेंसिया है शिकायत दर्ज करने को । आज जबकि ज्यादातर मुकदमे /शिकायते झूठी होती है जिससे परिवार विखर जाता है। और पुरुषो को सामाजिक जलीलता का भी सामना करना पड़ता है। आज प्रदर्शन में शामिल पुरुषो की यही मुख्य समस्या थी की एक पुरुष आयोग का भी गठन होना चाहिए जहा अपनी दिक्कतों को बताया जा सके। और ऐसा कानून बने की मायके वालो का हस्तक्षेप बंद होना चाहिए।
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