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कानपुर/घाटमपुर में दर्दनाक वारदात पत्नी की हत्या कर फांसी पर झूला पति


  • पत्नी की हत्या के बाद फांसी के फंदे में झूल गया पति 

  • घाटमपुर के बिरसिंगपुर गांव में घाटी दर्दनाक वारदात 

  • मृतक पति पत्नी दो मासूमो को कर गए अनाथ 


कानपुर में एक पति ने अपनी पत्नी की हत्या करने के बाद फ़ासी लगाकर आत्महत्या कर ली| सुचना फैलते ही न केवल सनसनी मची बल्कि लोंगो का मन भी ग़मगीन हो गया, क्योंकि दीपावली त्यौहार से एक दिन पहले इस तरह की घटना देखकर कोई भी होगा उसका मन जरूर भर आएगा| वहीँ सुचना मिलते ही पुलिस समेत आलाधिकारी भी मौके पर पहुँच गए| जहाँ सबूत जुटाने के लिए फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया| फ़िलहाल पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है| 


दर्दनाक और चौकाने वाला यह वारदात कानपुर की घाटमपुर तहसील के बिरसिंगपुर गांव की है| जहाँ रहने वाले सूर्यपाल की शादी बिंदकी निवासी पुष्पा देवी से हुयी थी| शादी के आठ साल बीत चुके थे, जिस दौरान दोनों के बीच एक बेटा और एक बेटी घर के आँगन की खुशिया बनकर आयी, लेकिन कुछ महीनों पहले से शुरू हुई कलह इस वारदात का कारण बन गयी| जिसका नतीजा कुछ ऐसा हुआ कि बाईट शुक्रवार की रात्रि नशे की हालत में घर आये सूर्यपाल और पुष्पा के बीच फिर से मारपीट होने लगी और फिर गुस्से में आये सूर्यपाल ने अपने दोनों मासूम बच्चो के सामने ही पत्नी की हत्या कर डाली|


 


हत्या किये जाने के समय सूर्यपाल इतना नशे में था कि उसे यह नहीं एहसास था कि वह क्या कर रहा है| और जब उसे होश आया तो पश्च्याताप करने के आवेश में पास के जंगल जाकर खुद को फांसी लगाकर झूल गया| सुबह होते ही ग्रामीणों की नजर सूर्यपाल के लटके शव पर गयी तो सनसनी फ़ैल गयी| लोगों को शक हुआ तो सूर्यपाल के घर भी जाकर देखा गया, जहाँ का नजारा और भी दयनीय था क्योंकि बच्चे रो रहे थे और पास में पुष्पा की लाश पड़ी हुई थी| ग्रामीणों ने इसकी सुचना घाटमपुर कोतवाल को दी| सुचना सुनते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने मुयाना किया और फोरेंसिक टीम की सहयता लेते हुए साक्ष्य जुटाए| साथ ही मृतिका पुष्पा के मायके वालो को इसकी जानकारी दी| जिसे सुनते ही पुष्पा के मायके वाले भी मौके पर आ गए, जिनकी उपस्थिति में दोनों शवों पंचनामा किया गया और पोस्टमार्टम भेजा गया| 


पिता और माँ की मौत  के बाद सभी की नजर उनके दो बच्चो पर जा टिक रही थी| क्योंकि की मासूम बेटी और पांच साल के आर्यन को यह नहीं कि आखिर उनके माता पिता को हुआ क्या है, उन्हें तो बस इतना मालूम था कि सब रो रहें हैं तो वह भी रो रहे थे, और अभी यह भी नहीं मालूम था कि उनकी दुलार की गोदी का सहारा कौन बनेगा| वाकई में वारदात को कर बैठने वाले इन दोनों पति पत्नी को ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जिसमें उनकी एक गलती ने उन्ही के नौनिहालों को अनाथ कर डाला है|


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