गौशाला संचालन में भुगतान में शासन के स्पष्ट आदेश न होने से प्रधान और सचिव परेशान
- कर्मचारी और चौकीदारी, चरवाहों के वेतन के पड़े लालें
- तीन महीने से नहीं मिला ग्राम विकास का वेतन, विभाग में आक्रोश
उरई।
गौशाला संचालन के लिए कर्मचारी, चौकीदार, चरवाह के अलावा भूसा, चारा की व्यवस्था में कोई भी स्पष्ट आदेश नहीं है, किस मद से इनकी पूर्ति की जायें। इसकी वजह से ग्राम प्रधान व सचिव को एक नहीं अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं तीन माह से वेतन न मिलने के कारण ग्राम विकास विभाग मेें आक्रोश व्याप्त है।
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आज ग्राम विकास अधिकारी संघ द्वारा विकास भवन में एक बैठक रामकरन सिंह की अध्यक्षता में संपन हुई जिसमें संयुक्त रूप से यह बात रखीं गई। बैठक को संबोधित करे हुए संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनोज गौतम ने कहा कि गौशाला संचालन के मामलों में अनावश्यक रूप से उत्पीडऩ किया जा रहा है जिसकी वजह से लोगो में आक्रोश व्यक्त है। वहीं सभी ग्राम विकास अधिकारी आठ अक्टूबर से काला फीता बांधकर गौशाला संचालन का बहिष्कार कर रहें है। प्रांतीय प्रतिनिधि संघ रमेश उदैनिया ने बताया कि तीन माह से वेतन न मिलने के कारण विभाग में जहां आक्रोश है वहीं इसको दीपावली के पूर्व खातों में पहुंचाने की उन्होने शासन स्तर पर मांग उठाई।
ग्राम विकास अधिकारी संघ के अध्यक्ष रामवरन सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायतों में रोस्टर बनाकर नियुक्ति के संबध में ब्लाक जालौन के कर्मचारियों द्वारा अवगत कराया गया है कि भौगोलिक क्षेत्र के अनुरूप आवंटन नहीं किया गया। पूर्व में भी जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया था परंतु समस्या का निराकरण नहीं हुआ, पुन: समन्वयक समिति के खास एक प्रतिनिधि मंडल के द्वारा आंदोलन की रणनीति बनाई गई। बैठक के अंत में संरक्षक द्वारा संंगठनात्मक सुझाव रखें गए।
बैठक में संदीप गुप्ता, रतनेश, नरेन्द्र पटेल, राहुल सिंह, मुजहिर खां, प्रवीण, रतलम, रीतेश परिहार, अभिनव पाठक, अंकित निरंजन, मेहरबान निरंजन, रामबिहारी वर्मा, कृष्ण कुमार, जगदंबा प्रसाद, शिवकुमार अवस्थी, सतीश वर्मा, पवन सोनी, मनीष निरंजन आदि लोग उपस्थित रहें।
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