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धनतेरस पूजन विधि और खरीदारी का महत्व

धनतेरस का पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. धनतेरस का दिन अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन कुछ नया खरीदने की परंपरा है


धनतेरस पूजा विधि


धनतेरस के दिन प्रदोषकाल में पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. अपने पूजा के स्थान पर उत्तर दिशा की तरफ भगवान कुबेर और धन्वन्तरि की मूर्ति स्थापना कर उनकी पूजा करनी चाहिए. इनके साथ ही माता लक्ष्मी और भगवान श्रीगणेश की पूजा करने का भी महत्व है. भगवान कुबेर को सफेद मिठाई, और  धनवंतरि को पीली मिठाई का भोग लगाना चाहिए. 



फोटो साभार


धनतेरस पर्व तिथि व मुहूर्त 2019


धनतेरस तिथि - शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2019


धनतेरस पूजन मुर्हुत - शाम 07:08 बजे से रात 08:14 बजे तक


प्रदोष काल - शाम 05:39 से रात 08:14 बजे तक


धनतेरस के यह 13 सरल उपाय, अपार धन बरसाए


कई श्रद्धालु इस दिन उपवास रहकर यमराज की कथा का श्रवण भी करते हैं। आज से ही तीन दिन तक चलने वाला गो-त्रिरात्र व्रत भी शुरू होता है। 
1 * इस दिन धन्वंतरि जी का पूजन करें। 
 
2 * नवीन झाडू एवं सूपड़ा खरीदकर उनका पूजन करें।
 
3 * सायंकाल दीपक प्रज्वलित कर घर, दुकान आदि को श्रृंगारित करें।
 
4 * मंदिर, गौशाला, नदी के घाट, कुओं, तालाब, बगीचों में भी दीपक लगाएं।
 
5 * यथाशक्ति तांबे, पीतल, चांदी के गृह-उपयोगी नवीन बर्तन व आभूषण क्रय करते हैं।
 


6 * हल जुती मिट्टी को दूध में भिगोकर उसमें सेमर की शाखा डालकर तीन बार अपने शरीर पर फेरें।
 
7 * कार्तिक स्नान करके प्रदोष काल में घाट, गौशाला, बावड़ी, कुआं, मंदिर आदि स्थानों पर तीन दिन तक दीपक जलाएं। 
 
8*  कुबेर पूजन करें। शुभ मुहूर्त में अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान में नई गादी बिछाएं अथवा पुरानी गादी को ही साफ कर पुनः स्थापित करें। पश्चात नवीन वस्त्र बिछाएं।
 
9* सायंकाल पश्चात तेरह दीपक प्रज्वलित कर तिजोरी में कुबेर का पूजन करें।
 
10* निम्न ध्यान मंत्र बोलकर भगवान कुबेर पर फूल चढ़ाएं -
 
श्रेष्ठ विमान पर विराजमान, गरुड़मणि के समान आभावाले, दोनों हाथों में गदा एवं वर धारण करने वाले, सिर पर श्रेष्ठ मुकुट से अलंकृत तुंदिल शरीर वाले, भगवान शिव के प्रिय मित्र निधीश्वर कुबेर का मैं ध्यान करता हूं।


 
इसके पश्चात निम्न मंत्र द्वारा चंदन, धूप, दीप, नैवेद्य से पूजन करें -
 
'यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये 
धन-धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।' 
 
इसके पश्चात कपूर से आरती उतारकर मंत्र पुष्पांजलि अर्पित करें।
 
11*  यम के निमित्त दीपदान करें। 
 
12 * तेरस के सायंकाल किसी पात्र में तिल के तेल से युक्त दीपक प्रज्वलित करें।
 
13 * पश्चात गंध, पुष्प, अक्षत से पूजन कर दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके यम से निम्न प्रार्थना करें-
 
'मृत्युना दंडपाशाभ्याम्‌ कालेन श्यामया सह। 
त्रयोदश्यां दीपदानात्‌ सूर्यजः प्रयतां मम। 


 


धनतेरस के दिन भूल कर भी ना करें ये 5 काम 


धनतेरस के दिन आपको कभी भी बिना नहाए भोजन नहीं करना चाहिए। धनतेरस के दिन उठते ही स्‍नान करें और फिर पूजा कर के भोजन ग्रहण करें।  धनतेरस के दिन हमेशा ईशान कोने में ही मुंह कर के पूजा करनी चाहिए। इस कोने को काफी शुभ माना जाता है क्‍योंकि इस कोने में सकारात्मकता पैदा होती है।  धनतेरस के दिन घर में बिल्‍कुल भी गंदगी नहीं होनी चाहिए। अपने घर को धनतेरस से पहले ही साफ कर लें नहीं तो घर की सकारात्मक ऊर्जा समाप्‍त हो जाएगी। घर में पड़ा पुराना या बेकार सामान फेंक दें।   यदि आपने अभी तक दीपावली के लिए लक्ष्‍मी और गणेश की मूर्ती नहीं खरीदी है तो उसे धनतेरस के दिन ही खरीदें। दिवाली के दिन इन्‍हीं मूर्ति की पूजा की जाती है।  धनतेरस पर कई सारी चीजें हैं जिनका विशेष ध्‍यान रखना चाहिए जैसे घर में बिल्‍कुल भी कलह ना मचाएं। इस दिन ना सिर्फ कुबेर की बल्‍कि मां लक्ष्‍मी की भी पूजा करें। इस दिन नकली मूर्ति की पूजा ना करें बल्‍कि  सोने, चांदी या मिट्टी की बनी हुई मां लक्ष्मी की मूर्ति की पूजा करें। 



धनतेरस इन 5 चीजों का दान करेंगे तो होगा धन लाभ


1. अन्न का दान


अगर स्वास्थ्य की समस्या हो तो अन्न जैसे गेंहू, चावल का दान करना उत्तम रहता है। इसके साथ ही पानी का दान करना भी शुभ रहता है। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दान ऐसे व्यक्ति को करें जो वास्तव में जरूरतमंद हो।


2. पीले वस्‍त्र का दान


धनतेरस के दिन आप किसी गरीब व्‍यक्ति को नए पीले वस्‍त्र दान कर सकते हैं। धनतेरस के दिन वस्त्र का दान महादान कहा जाता है।


3. नारियल व मिठाई का दान


धनतेरस के दिन आपको किसी जरूरतमंद व्‍यक्ति को नारियल और मिठाई का दान देना चाहिए। ऐसा करने से आपको पैसों कीतंगी का सामना नहीं करना होगा।


4. लोहा दान
 
धनतेरस के दिन लोहा दान करने से आपका दुर्भाग्य चला जाता है आपको शुभ फल  की प्राप्ति होती है।


5. सुहाग का सामान दान 


जिन कुंवारी कन्याओं की शादी नहीं हो रही है उन्हें जल्दी शादी के लिए सुहाग का सामान दान करना चाहिए। इससे विवाह शीघ्र हो जाता है।


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