सनगढ़ में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से 1.7 मीटर पार
- बाढ़ से नदी के तटवर्ती इलाकों चारो तरफ मचा कोहराम
- डीएम, एसपी सहित आला अधिकारियों ने किया निरीक्षण
उरई (जालौन)।
विकास खण्ड कुठौंद के काई गांव बाढ़ के चपेटे में आने से तटवर्ती इलाको में कोहराम मचगया यमुना का जल स्तर 1.7 मीटर खतरे के निशान के ऊपर पहुचने से यमुना का पानी गांव में घुश गया जिससे ग्रामीणों में दहसत का माहौल ब्यापात हो गया है।
सूचना मिलते ही जिलाधिकारी मन्नान अख्तर एसपी सतीश सिंह क्षेत्र में पहुच गए जैसे ही अधिकारियों को पता चला कि डीएम एसपी क्षेत्र में पहुच गए वैसे ही जिले के अधिकारी भी बाढ़ क्षेत्र के इलाकों में पहुच गए बाढ़ से तटव्रती इलाको में फसल पूरी तरह तबाह हो गई है।
जिलाधिकारी ने बाढ़ पीड़ित लोगों को हर संभव मदत का अस्वासन दिया इसके बाद एसडीएम सुनील शुक्ला क्षेत्रीय लेखपाल,व पुलिस ने बाढ़ क्षेत्र में डेरा डाल लिया है उपजिला अधिकारी ने कहा कि भदेख, टिकरी,लोहाई, शंकरपुर, ऊमरी, मसगांव और करमुखा में बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तैयारी है पानी नालाओ से होते हुए गलियों में घुश गया है और गांवों अभी पूर्ण रूप से सुरक्षित है फिरभी समस्या से निपटने के लिए पूरी तैयारी है।
बाढ़ में फंसे लोगों को बचाया
कुठौंद। कुठौन्द ब्लॉक के लोहई निवासी सुशीला देवी पत्नी सुरेन्द्र सिंह, सुरेन्द्र पुत्र राजन, राजन पुत्र गोविंद अपने खेतों पर बने ट्यूबवेल पर फसल रखवाली करने के लिए रुकते अचानक यमुना में आई तेज बाढ़ से चारों ओर से घिर गए जिससे वह फंस गए और जब इस बात की जानकारी गांव के लोगो को हुई तब गांव के प्रधान लल्लूराम पाल को हुई तो प्रशाशन को सूचना दी।
उसके बाद जिलाधिकारी डा. मन्नान अख्तर, पुलिस अधीक्षक डा. सतीश कुमार, एवं उपजिलाधिकारी जालौन सुनील कुमार शुक्ला सहित जिले के आलाधिकारी मौके पर पहुँचकर बचाव कार्य सुरु किया और नाव और गोताखोरों की मदद से भदेख ग्राम के मजरा करमुखा से शकुशल बाहर निकाला गया इस मौके पर सैकड़ांे ग्रामीण मौजूद रहे। इस मौके ओर भदेख प्रधान श्याम सुंदर निषाद रहे। वही पर वृद्ध गयाप्रसाद पुत्र लक्ष्मी, तैरकर बाहर निकले।
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