फिरोजशाह कोटला का नाम बदलकर किया अरूण जेटली स्टेडियम
- डीडीसीए द्वारा आयोजित किए गए समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, खेल मंत्री किरण रिजिजू, केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल, पूर्व खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौर के अलावा कई राजनेता उपस्थित रहे।
- स्टेडियम के मुख्य पवेलियन का नाम भारतीय टीम के मौजूदा कप्तान विराट कोहली के नाम पर कर दिया गया।
- डीडीसीए ने इस समारोह में अपने वार्षिक पुरस्कार भी वितरित किए और युवा खिलाड़ियों को सम्मानित किया।
इसके बाद कोहली के नाम स्टेडियम का पवेलियन करने की घोषणा की गई।
इस मौके पर विराट ने कहा, "इतने बड़े स्तर पर मुझे सम्मानित किया जाएगा, मैंने सोचा नहीं था। मैं रजत शर्मा, भारतीय टीम, दिल्ली की पुरानी तथा नई टीमों, बीसीसीआई का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। मेरे पास शब्द नहीं हैं। मेरे बचपन के कोच राकेश शर्मा को शुक्रिया अदा करता हूं। मैंने कभी सोचा नहीं था कि मुझे यह सम्मान मिलेगा।"
कैसे हुआ फिरोजशाह कोटला स्टेडियम का निर्माण
1930 के आसपास ब्रिटिश सरकार नई दिल्ली को राजधानी बना रही थी. ब्रिटिश सरकार को क्रिकेट मैचों के आयोजन के लिए स्टेडियम की जरूरत महसूस हुई. उस वक्त क्रिकेट मैच उत्तरी दिल्ली के रोशनआरा क्लब आयोजित करवाता था। ब्रिटिशर्स ने दिल्ली गेट के पास वेलिंगटन पैवेलियन में दिल्ली एवं जिला क्रिकेट एसोसिएशन का ऑफिस शिफ्ट किया.क्रिकेट स्टेडियम के पास फुटबॉल मैदान हुआ करता था, जो आज अंबेडकर स्टेडियम के नाम से जाना जाता है. उस वक्त दिल्ली फुटबॉल एसोसिएशन के पास अपना मैदान नहीं था। जबकि क्रिकेट एसोसिशन को 99 साल की लीज पर फिर फिरोज शाह कोटला स्टेडियम दिया गया था. 1948-49 में यहां पहला क्रिकेट टेस्ट मैच हुआ। इस मैदान पर मंसूर अली खान पटौदी, बिशन सिंह बेदी, एस वेंकटराघवन, सुनील गावस्कर, कपिल देव, सचिन तेंदुलकर और अनिल कुंबले जैसे क्रिकेट स्टार चमके।
कौन थे फिरोज शाह जिनके नाम पर बना क्रिकेट स्टेडियम
फिरोज शाह कोटला स्टेडियम का नाम तुलगक वंश के शासक फिरोज शाह तुगलक के नाम पर रखा गया। फिरोजशाह तुगलक का जन्म 1309 को हुआ था। उन्होंने अपने शासन में चांदी के सिक्के चलाए. 1351 में ताजपोशी के बाद उन्होंने अपनी रियासत के सभी कर्जे माफ कर दिए थे। फिरोज शाह तुगलक दिल्ली का पहला सुल्तान था। जिसने दिल्ली के पावर सेंटर को साउथ दिल्ली से रायसीना हिल्स के उत्तर में लेकर आया. इसके पहले दिल्ली के शासक मेहरौली फोर्ट, सिरी फोर्ट और जहांपनाह फोर्ट से शासन चलाते थे. यमुना किनारे कोटला फिरोज शाह दिल्ली की सल्तनत का केंद्र बना। फिरोजाबाद को इतिहासकार दिल्ली का पांचवा शहर मानते हैं। हौज खास में फिरोजशाह तुगलक का मकबरा है. फिरोजशाह ने अपने शासन के दौरान दिल्ली में कई मस्जिदें भी बनवाईं।
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