100 दिन सरकार के ..............
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने शनिवार को अपने 100 दिन पुरे किये इन 100 दिनों में केंद्र सरकार ने कई अहम फैसले लिए जो की अंतरास्ट्रीय स्तर पर छाए रहे जिनमे 370 व तीन तलाक प्रमुख रहे। वही आर्थिक मुद्दों पर सरकार को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
क्या रही एनडीए 2 की उपलब्धिया और क्या रही कमिया जानते है
अनुच्छेद 370- एनडीए सरकार ने जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करते हुए इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने का फैसला लिया। इस फैसले की चर्चा विदेश तक में रही। चीन और पाकिस्तान इसे यूएन तक लेकर गए। 5 अगस्त को इसके ऐलान के बाद कश्मीर में भी तनाव देखा गया। कश्मीरी नेता अभी भी नजरबन्द है।
तीन तलाक- मोदी सरकार ने मुस्लिमों में एक साथ तीन तलाक को गैरकानूनी बनाया और इसमें सजा का प्रावधान किया। इस कानून में तीन बार तलाक बोलकर वैवाहिक संबंध खत्म करने पर शौहर के लिए 6 महीने की जेल की सजा का प्रावधान है। इस कानून पर एक वर्ग समर्थन में तो एक विरोध में दिखा। कानून को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी गई है।
यूएपीए एक्ट- अपने पहले 100 दिन में सरकार का गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम संशोधन विधेयक (यूएपीए), 2019 भी चर्चा में रहा। इसके कई प्रवाधानों पर संसद के दोनों सदनों में काफी विरोध भी विपक्षी पार्टियों ने किया।
मोटर व्हीकल एक्ट- मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में ट्रैफिक नियमों में बदलाव करते हुए मोटर व्हीकल एक्ट-2019 लागू किया है।इसकी तारीफ भी हो रही है और आलोचना भी।
जल शक्ति मंत्रालय का गठन-सरकार ने जल संबंधी मुद्दों से निपटने के लिए जल संसाधन और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालयों को मिलाकर जल शक्ति मंत्रालय बनाया गया है।
बैंकों के विलय का फैसला -मोदी सरकार ने दस सरकारी बैंकों के विलय करके चार बड़े बैंक बनाने का ऐलान किया हैं। ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया गया। सिंडिकेट बैंक को केनरा बैंक और इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक में मिलाया गया है।
बढ़ती बेरोजगारी और गिरती अर्थव्यवस्था -मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सरकार सबसे ज्यादा आर्थिक मोर्चे पर घिरी नर आ रही है। ऑटो सेक्टर, रियल एस्टेट, टेलीकॉम, वित्तीय सेवाएं, बैंकिंग, स्टील, टेक्सटाइल, समेत ज्यादातर सेक्टरों में नौकरियां जा रही हैं। उत्पादन में कटौती हो रही है। हाल में आए जून तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ घटी है और ये आंकड़ा 5 फीसदी पर रहा है। आर्थिक विशेषज्ञ आने वाले समय में अर्थव्यवस्था में और ज्यादा गिरावट का अंदेशा जता रहे हैं, ऐसे में इससे निपटना सरकार के लिए चुनौती होगा।
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