डॉ अनिकेत त्रिपाठी -हर तकलीफ पर गोली खाना है खतरनाक
बिना डॉक्टर की सलाह से गोली लेना अच्छी आदत नहीं
सिर दर्द हो या बॉडी पेन, कोई भी पिल लेकर हम अपने लिए इलाज ढूंढ लेते हैयह हमारा लाईफस्टाइल हो चुका हैलेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस आसान अप्रोच के बदले आप अपने लिए बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम्स को इन्वाइट कर लेते है। इसलिए हर तकलीफ पर बिना डॉक्टर की सलाह से गोली लेना अच्छी आदत नहीं है बहुत सिर दर्द हो रहा है? चलो एक पेन किलर ले लेते है और वापस काम पर लग जाते है । हल्का बुखार है और खांसी-जुकाम भी। इस पिल को तो सभी लेते हैं। आपने भी ली और बात खत्म।
लेकिन क्या वाकई यहां बात खत्म हो जाती है? जिन तकलीफों के लिए आप डॉक्टर की सलाह लिए बिना पिल लेते हैं, सेल्फप्रिस्काइबिंग की यह आसान अप्रोच आपको बाद में खासी परेशानियां दे सकती है। इस बारे में डॉक्टर का कहना है, 'ओवर द काउंटर (ओटीसी) या नॉनप्रिस्क्रिप्शन ड्रग्स तब ही सेफ होती हैं जब उन्हें ठीक उसी तरह लिया जाए जैसा इंस्ट्रक्शन लेबल या पैकेजिंग पर लिखा भी होता है। दर्द में रिलीफ के साथ ही इनके कुछ साइडइफेक्ट्स भी हो सकता है। यह हार्टबर्न का कारण तक बन सकती हैं। अगर आपने ओटीसी पिल्स का मिसयूज किया है, तो आपको स्टमक अल्सर, किडनी डेमेज, लीवर और हार्ट अटैक भी हो सकता है।
वहीं, फिजिशियन कहते हैं, 'लोग सभी तरह की पिल्स जैसे पेन किलर्स, एंटीडिप्रेशंट्स सेडेटिव्स और यहां तक कि कफ सिरप के भी एडिक्ट हो सकते है। ज्यादातर मामलों में एडिक्शन तब शुरू होता है जब लोग खुद ही अपना ट्रीटमेंट करना शुरू कर देते है। ओवर द काउंटर पिल्स का बिना किसी प्रिस्किप्शन और के आसानी से उपलब्ध होना भी एडिक्शन का दूसरा नाम है। कई बार लोगों को साइड इफेक्ट्स इग्नोर कर देना इस एडिक्शन को और बढ़ावा देता है।
जब आप स्लीपिंग पिल्स और एंटीबायॉटिक अपनी मर्जी से लेते हैं तो यह आपके लिए बहुत नुकसानदेह हो सकती हैंखासतौर पर जब आपको नहीं पता कि कौन से स्पेसिफिक कंपाउंड इसके जरिये आप ले रहे हैं, इसकी कितनी डोज की आपको जरूरत है या फिर कितने समय तक आपको यह दवा लेनी है। इस बारे में कंसलटेंट फिजिशियन डॉ. अनिकेत त्रिपाठी का मानना है कि दवाईयों के नाम में कंफ्यूजन से आप गलत मेडिकेशन करते है और यह आपको ज्यादा बीमार कर देता है। वह कहते है, "ज्यादातर पेनकिलर्स में एसिटामिनोनि होता है। अगर इसकी हाई डोज ले ली जाए, तो लीवर फेल हो सकता है। कुछ पेनकिलर्स किडनी डेमेज, कब्जगैस और पेप्टिक अल्सर डिजीज का कारण भी हो सकती है।'
पिल्स एडिक्ट महिलाओं को पीरियड में भी हो सकती है प्रॉब्लम
अगर महिलाएं पिल्स एडिक्ट हैं, तो आगे चलकर पीरियड में भी प्रॉब्लम हो सकती है। अपनी मर्जी से पिल्स के इस्तेमाल की वजह से स्अमक अल्सर, कानों में रिगिंग सेंसेशन, स्किन रेशेज, ब्लड डिसआर्डर, स्टमक अपसेट, ड्रॉय माउथ, यूरेनरी रिटेंशन, कॉन्स्टिपेशन, लीवरप्रॉब्लम, हेयर लॉस, इररेगुलर हार्टबीट, इंपोटेंस और नींद न आने जैसी साइड इफेक्ट्स हो सकते है।
एडिक्ट को सबसे पहले कंप्लीट डिटॉक्टिफिकेशन करना होगा ताकि उसकी बॉडी में टॉक्सिन पूरी तरह निकल जाये। डॉक्टर कहते है कि अगर एक बार कंप्लीट डिटॉक्सिफिकेशन कर दिया जाए, तो काफी इंप्रूवमेंट दिखाई देता है। दूसरा स्टेप है एक्सरसाइज, सेल्फ कंट्रोल और लाइफस्टाइल में बदलाव हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज से यह संभव है। मेडिटेशन, रनिंग, योगा, बॉकिंग करना अच्छा होगा। एडिक्शनसे ओवरकम होने के लिये एक्सपर्ट की राय भी ली जा सकती है। ग्रुप थेरेपी भी दूसरा ऑप्शन हो सकता है। जो लोग इस एडकिशन के शिकार है उनसे बात करें, डिस्कस करें और एडिक् शनसे बाहर आने के लिए एनकरेज करें।
मेडिकेशन की आदत आपका बिहेवियर बदल सकती है
आपको मेडिकेशन की आदत लग जाती हैं। ड्रग यूज करना आपके लिए जरूरी हो जाता है और जरूरत से ज्यादा डोज का इस्तेमाल एडिक्शन के लक्षण हैआप लगातार ड्रग्स लेते हैं, चाहे वह आपकी जॉब परफॉर्मेस, रिलेशनशिप या जिंदगी के दूसरे पहलुओं को खराब करे। आपका बिहेवियर बदल जाता है। आप ज्यादा सिकेटिव, आरग्युमेंटिव और डिफेंसिव हो जाते हैं।
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